COMPUTER NOTES PARTS-3 IN HINDI


कंप्यूटर का वर्गीकरण पीढीयो के आधार पर 



कंप्यूटर का वर्गीकरण पीढीयो के आधार पर – कंप्यूटर को पीढीयो के आधार पर 4 प्रकार से वर्गीकृत किया गया है-

1.      कंप्यूटर की प्रथम पीढी (1940-1956)-
  • इसमें वैकयूम टीयूब का प्रयोग किया गया था |
  • इसमें मशीन लैंग्वेज का प्रयोग किया गया था |
  • यह आकार में बहुत ही बड़े होते थे |
  • यह ऊर्जा की नहुत अधिक खपत वाले थे|
  • सन 1952 में डॉक्टर ग्रेस हॉपर ने अस्सेम्ब्ली लैंग्वेज का अविष्कार किया जिससे प्रोग्रामे को लिखना आसान हो गया |
       प्रथम पीढी कंप्यूटर के उदाहरण -ENIAC, UNIVACK, IBM MARK-1 आदि |


2.  कंप्यूटर की द्वितीय पीढी (1956-1963)-
  • इसमें ट्रांजिस्टर का प्रयोग किया गया था |
  • इसकी गति तेज और त्रुटिय कम थी |
  • मैग्नेटिक स्टोरेज डिवाइस के प्रयोग से स्टोरेज कैपेसिटी में वृद्धि हुई |
  • इसमें बैच ऑपरेटिंग सिस्टम का आरम्भ किया गया |
  • सोफ्टवेयर में COBOL-COMMON BUSINESS ORIENTED LANGUAGE और FORTRAN- FORMULA TRASNLATION जेसी हाई लेवल लैंग्वेज का विकास IBM द्वारा किया गया जिससे प्रोग्राम लिखना आसान हो गया |


3.  कंप्यूटर की तृतीय पीढी  (1964-1970)-
  • इसमें ट्रांसिस्टर की जगह IC (INTEGRATED CIRCUIT) का प्रयोग किया गया | 
  • IC की खोज सन 1958 में JACK KILBY और ROBERT NOYCE ने की थी |
  • IC में इलेक्ट्रॉनिक युक्तिया जेसे ट्रांस्सिस्टर, RASISTANCE(प्रतिरोधक), और CAPACITOR(संधारित्र) एक छोटे चिप पर बने होते है |
  • मेग्नेटिक टेप और स्टोरेज युक्तियो में वृद्धि हुई | RAM (RANDOM ACCESS MEMORY) से कंप्यूटर की गति में वृद्धि हुई |
  • हाई लेवल लैंग्वेज में PL-1 , PASCAL तथा बेसिक का प्रयोग हुआ |
  • कंप्यूटर हलके, कम खर्चीले तथा तेज गति वाले हो गये | 
  • TIME SHAREING OPERATING SYSTAM का प्रयोग होने लगा 
  • हार्डवेअर और सोफ्त्वेअर अलग-अलग लेने की सुविधा थी |
  • 1965 में DEC-DIGITAL EQUIPMENT CORPORATION ने PDP-8 (PROGRAMMED DATA PROCESSOR) नामक पहला प्रोफेसिओनल मिनी कंप्यूटर बनाया |

4.  कंप्यूटर की चतुर्थ पीढी (1971-1989)-
  •  इसमें IC की जगह MICROPROCESSOR का प्रयोग होने लगा
  • MICROPROCESSOR की खोज ME HOFF ने 1971 में किया | इससे पर्सोनल कंप्यूटर का विकास हुआ |
  • RAM की क्षमता में वृद्धि हुई | इससे कंप्यूटर की गति और तेज हो गई | SEMICONDUCTER (अर्धचालक) का प्रयोग मेमोरी और स्टोरेज में किया जाना लगा |
  • कंप्यूटर नेटवर्क में LAN-WAN का प्रयोग होने लगा |
  • पैरेलल कंप्यूटिंग तथा मल्टीमीडिया का प्रयोग होने लगा |
  • 1981 में IBM(INTERNATIONAL BUSINESS MACHINE) ने माइक्रो कंप्यूटर बनाया जिसे PC कहा गया |
  • हाई लेवल लैंग्वेज में c का विकास हुआ जिसमे प्रोग्रामिंग करना आसान था |
  • हाई लेवल लैंग्वेज का स्थायीकरण किया गया जिससे प्रोग्रामे को सभी कंप्यूटर में चलाया जा सके |
  • सॉफ्टवेयर के के GUI-GRAPHICAL USER INTERFACE से कंप्यूटर का प्रयोग करना आसान हो गया |
  • ओपरेटिंग सिस्टम में MS-DOS, WINODOWS, APPLE ओस का प्रयोग होने लगा |


5.  कंप्यूटर की पंचम पीढी (1989-TILL NOW)-
  • नए कंप्यूटर में AI-ARTIFICIAL ITELLIGENCE डालने का काम चल रहा है | 
  • मैगनेटिक बब्ल मेमोरी के प्रयोग से स्टोरेज में वृद्धि होगी |
  • ऑप्टिकल डिस्क का ज्यादा प्रयोग होने लगा |
  • ULSI-ULTRA LARGE SCALE INTEIGRATION के विकास से कई इलेक्ट्रोनिकयुक्तियो को एक चिप पर बनाया जा सका |
  • सुचना प्रधयोगिकी तथा सुचना राजमार्ग के अवधारणा का विकास हुआ |  



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