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Showing posts from June, 2023

जानिये कछुए के बारे में Do you know about this turtle fact?

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जानिये कछुए के बारे में   Do you know about this turtle fact?  कछुओं के दांत नहीं होते हैं। एक तीखी प्लेट की तरह हड्डी होती है, जिससे वह अपने भोजन को चबाते है। कछुओं की 318 से ज्यादा प्रजातियां धरती पर मौजूद हैं। हिंदू धर्म में धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि जहां कुछआ होता है, वहां लक्ष्मी का आगमन होता है। फेंगशुई में भी कछुआ रखना बेहद शुभ माना गया है, इससे घर और ऑफिस में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।

JAANE INDIAN NOTES KE BAAARE ME जाने इंडियन नोट्स के बारे में

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JAANE INDIAN NOTES KE BAAARE ME जाने इंडियन नोट्स के बारे में इसमें 1 रुपये से लेकर 2,000 रुपये तक के सभी छोटे-बड़े नोट हैं. इन नोटों के ऊपर तस्वीरें छापी गई है, जो कि बेहद ही खास होती हैं. आइए आज इस आर्टिकल के जरिए जानेंगे कि आखिर भारतीय नोटों के पीछे छपी इन तस्वीरों का महत्व क्या है? एक रुपये का नोट इसके पीछे एक तेल अन्वेषण स्थल की फोटो छपी है. एक रुपये का नोट आरबीआई नहीं, बल्कि वित्त मंत्रालय प्रिंट करता है. दो रुपये का नोट इसके अगले भाग में 'अशोक प्रतीक' की और नोट के पिछले भाग में भारत के पहले सैटेलाइट 'आर्यभट्ट' की फोटो है. कहा जाता है कि ये नोट साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत की प्रगति को दर्शाते हैं. अब दो के नोट छपने बंद हो गए हैं. 5 रुपये का नोट इसके पिछले हिस्से पर खेत की जुताई करते एक किसान की तस्वीर है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि के महत्व को प्रदर्शित करता है. इस नोट की भी छपाई बंद हो गई है. 10 रुपये का नोट इस नोट के पिछले हिस्से में कोणार्क सूर्य मंदिर के पहिये और स्वच्छ भारत का लोगो प्रिंट किया गया है, जिसे साल 1984 में यूनेस्को वि

Why Cooler is better than Fan? #shorts #facts #sciencefacts

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Why Cooler is better than Fan? Air Cooler कैसे काम करते हैं? इवैपोरेटिग कूलिंग सिस्टम का इस्तेमाल करके एयर कूलर आपके कमरे के तापमान को कम करने में मदद करते हैं. यह इवैपोरेशन तब होता है जब गर्म हवा एयर कूलर के गीले एरिया से गुजरती है. जब यह एयर कूलर से गुजरती है, तो हवा का तापमान काफी कम हो जाता है. इसका मतलब ये है कि एक एयर कूलर कमरे के चारों ओर सिर्फ उसी हवा को सर्कूलेट करने के बजाय ठंडी हवा को बढ़ाता है. Ceiling Fan कैसे काम करते हैं? सीलिंग फैन के फंक्शन की बात करें तो पंखे के ब्लेड इवैपोरेशन प्रोसेसर को तेज करने और कमरे के औसत तापमान को कुछ डिग्री नीचे लाने के लिए यूज़र के चारों ओर हवा को सर्कूलेट करने में मदद करते हैं. कमरे में हवा को तेजी से सर्कूलेट करके, पंखा इवैपोरेशन के प्रोसेस को तेज कर देता है.

क्यों चिड़िया सोते हुए तार या पेड़ से नहीं गिरती हैWhy Birds are not falling from trees ?

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क्यों चिड़िया सोते हुए तार या पेड़ से नहीं गिरती है Why Birds are not falling from trees ? एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोते समय पक्षी अपनी दोनों आंखें बंद नहीं करते. जब वे सोते हैं को अपनी एक आंख खुली रखते हैं. सोते समय अपनी एक आंख खोले रखने के पीछे का साइंस यह है कि इसकी वजह से उनका आधा ब्रेन एक्टिव रहता है, जिससे पेड़ की डाली पर या बिजली के तारों पर अपना संतुलन बनाए रखना में उन्हें मदद मिलती है. अक्सर हमने चिड़ियों के झुंड को एक कतार में बैठे देखा है यह कहां जा सकता है कि चिड़ियां कभी पूरी तरह से सोती नहीं, वो हमेशा आधी नींद में होती हैं, क्योंकि जब तक दिमाग काम करेगा नींद कैसे पूरी हो सकती है. वहीं, पक्षियों के नींद में नीचे न गिरने की एक वजह यह भी है कि उनके पैरों की बनावट ही ऐसी होती है कि वो जिस चीज पर बैठते हैं उसे अच्छी तरह से जकड़ सकते हैं.

कुए गोल ही क्यों बनाये जाते है why wells are circular in shape

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ब हम कोई तरल (Liquid) पदार्थ स्टोर करते हैं तो वो वही आकार ले लेता है जिसमें वो स्टोर किया जाता है. तरल पदार्थ जब किसी बर्तन में रखा जाता है तो वो उसकी दीवारों पर प्रेशर डालता है. अगर कुआं चौकोर आकार में बनाया जाएगा तो उसके अंदर जमा पानी कुएं की दीवार के कोनों पर सबसे ज्यादा प्रेशर डालेगा. ऐसे में कुएं की उम्र कम हो जाएगी और कुएं के टूटकर गिरने का खतरा भी बना रहेगा. यही वजह है कि कुआं गोल आकार में बनाया जाता है. जिससे उसके अंदर के पानी का प्रेशर कुएं की दीवार पर हर जगह समान हो.

जाने हावड़ा ब्रिज के राज Jaaane Howarah Bridge ke raaj

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कोलकाता शहर की खूबसूरती के मामले में बेमिसाल है. कभी अंग्रेजों ने यही से अपने साम्राज्य को पूरे भारत में फैला दिया था. अब भी भारत घूमने आने वाले विदेशियों की पहली पसंद है यह सबसे पुराना शहर. आपने हावड़ा ब्रिज के बारे में जरूर सुना होगा. यह ब्रिज बहुत सुंदर है. इसे लेकर एक अजीब बात कही जाती है कि इसे रोज रात 12 बजे बंद कर कर दिया जाता है.  12 बजे बंद हो जाता है हावड़ा ब्रिज  वेस्ट बंगाल की राजधानी कोलकाता का हावड़ा ब्रिज एक कैंटिलीवर ब्रिज है, जिसका निर्माण हुगली नदी पर किया गया है. रोजाना रात को 12 बजे थोड़ी देर के लिए हावड़ा ब्रिज पर आवागमन रोक दिया जाता है. जानकारी के मुताबिक वहां के लोगों का यह मानना है कि रात के 12 बजे इस ब्रिज के टूटने का खतरा होता है.  केवल दो पिलर्स पर टिका है पूरा ब्रिज  यह ब्रिज वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है. अंग्रेजों द्वारा निर्मित इस ब्रिज को लेकर कई कहानियां मशहूर हैं. आपको बता दें कि हावड़ा ब्रिज पर हर रात 12 बजे कुछ देर के लिए ट्रेन, कार और नाव की आवाजाही पर रोक लगा दी जाती है. इस समय यहां सब कुछ थम जाता है. यह ब्रिज महज  280 फीट ऊंचे दो खंभों पर टिका

AEROPLANES KE TYRE ME KAUN SI GAS BHARI JAATI HAI

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हवा में 78 फीसदी तक नाइट्रोजन होती है, जबकि 21 फीसदी आक्सीजन और एक फीसदी अन्य गैस। नाइट्रोजन से रबर को कोई नुकसान नहीं होता, जबकि आक्सीजन से टायर खराब हो सकता है। आक्सीजन से अक्सर टायर की इलास्टिसिटी और मजबूती खो देता है। ऐसे में आक्सीजन रबर के कणों पर अटैक कर देती है, जिससे टायर फटने का खतरा रहता है। नाइट्रोजन आक्सीजन की अपेक्षा कूल होती है और रबर फ्रेंडली है। हालांकि, नाइट्रोजन पूरी तरह शुद्ध नहीं होती। नाइट्रोफिल से टायर का इंफ्लेशन कम हो जाता है और वह टायर का सामान्य रहने में मदद करती है। नाइट्रोजन लंबे समय तक टायर में रह सकती है, जबकि आक्सीजन जल्दी बाहर निकल जाती है।

आखिर आले केसे बनते है How is Hailstone formed ?

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तालाबों और समुद्र का पानी भाप बनकर आसमान में वर्षा का बादल बनाता है और यही बादल पानी बरसाते हैं। लेकिन जब आसमान में तापमान शून्य से कई डिग्री कम हो जाता है तो वहां हवा में मौजूद नमी संघनित यानी पानी की छोटी-छोटी बूंदों के रूप में जम जाती है। इन जमी हुई बूंदों पर और पानी जमता जाता है। धीरे-धीरे ये बर्फ के गोलों का रूप धारण कर लेती हैं। जब ये गोले ज्यादा वजनी हो जाते हैं तो नीचे गिरने लगते हैं। गिरते समय रास्ते की गरम हवा से टकरा कर बूंदों में बदल जाते हैं। लेकिन अधिक मोटे गोले जो पूरी तरह नहीं पिघल पाते, वे बर्फ के गोलों के रूप में ही धरती पर गिरते हैं। इन्हें ही हम ओले कहते हैं।

सूर्या ग्रहण क्या होता है WHAT IS SOLAR ECLIPSE ?

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  SOLAR ECLIPSE :  सूर्य ग्रहण चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर एक कक्षा में परिक्रमा करता है और उसी समय पृथ्वी भी सूर्य की परिक्रमा करती है. परिक्रमा के दौरान कभी-कभी चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है. खगोलशास्त्र और विज्ञान में इसे ही सूर्य ग्रहण कहा जाता है.  जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तो इस दौरान सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाता और पृथ्वी की सतह के कुछ हिस्से पर दिन में भी शाम य रात की तरह अंधेरा सा छा जाता है. सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन ही लगता है. क्योंकि अमावस्या में चंद्रमा पृथ्वी के कक्षीय समतल के निकट होता है. सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं. आंशिक सूर्य ग्रहण, वलयाकार सूर्य ग्रहण और पूर्ण सूर्य ग्रहण. वैज्ञानिकों का मानना है कि, संपूर्ण सूर्य ग्रहण की वास्तविक अवधि ज्यादा से ज्यादा 11 मिनट ही हो सकती है, लेकिन उससे अधिक नहीं. चंन्द्र ग्रहण को अपने संपूर्ण तत्कालीन प्रकाश क्षेत्र में भले ही देखा जा सकता है लेकिन सूर्य ग्रहण को अधिकतम 10 हजार किलोमीटर लंबे और 250 किलोमीटर चौड़े क्षेत्र में ही देखा जा सकता है.

धरती नीली क्यों दिखती है WHY EARTH IS CALLED A BLUE PLANET?

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असान शब्दों में इसका जवाब है की समुद्र के जल में नीले आसमान का परावर्तन होता है, इसीलिए समुद्र नीला दिखाई देता है साथ ही यह इस बात पर निर्भर करता है कि समुद्र को किस कोण से देखा जा रहा है। सूर्य के प्रकाश में सभी रंग उपस्थित होते है। जब सूर्य का प्रकाश समुद्र के जल से टकराकर लौटता है तो समुद्र का जल इसमें से अधिकांश रंग अवशोषित कर लेता है। इस प्रभाव को देखने के लिए पानी कि विशाल मात्रा का होना आवश्यक है, इसीलिए कप का पानी नीले के स्थान पर रंगहीन दिखाई देता है समुद्र के जल के अणु प्रकाश में उपस्थित लाल रंग को तुरंत अवशोषित कर लेते है, परन्तु वे नीले रंग को पूरी तरह से अवशोषित नहीं कर पाते। फलस्वरूप जल से परावर्तित होकर आने वाले प्रकाश में नीला रंग होता है। और समुद्र के जल का रंग नीला दिखाई देता है साथ ही समुद्र में उपस्थित मृत जिव-जंतु और पेड़ पौधे आदि इस नीले रंग कि तीव्रता को औरबढ़ा देते है।

बिजली क्यों गिरती है Why Thunder is fall on earth.

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बिजली क्यों गिरती है?   आसमान में अपोजिट एनर्जी के बादल हवा से उमड़ते और घुमड़ते रहते हैं। ये विपरीत दिशा में जाए हुए टकराते हैं। इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है जो धरती पर गिरती है। आसमान में किसी तरह का कंडक्टर न होने से बिजली पृथ्वी पर कंडक्टर की तलाश में पहुंच जाती है, जिससे नुकसान पहुंचता है। धरती पर पहुंचने के बाद बिजली को कंडक्टर की जरूरत पड़ती है। आकाशीय बिजली जब लोहे के खंभों के अगल- बगल से गुजरती है तो वह कंडक्टर का काम करता है। उस समय कोई व्यक्ति यदि उसके संपर्क में आता है तो उसकी जान तक जा सकती है।

indians CNG kyu pasand nahi karte

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KITNA UPI CHLAYE KI INCOME TAX NOTICE NA AYE

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Kya car ka color badal sakte hai

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आम आदमी की भी कुछ जरुरत होती है जिनमे से रोटी कपडा मकान के बाद अब एक गाडी   ने भी जगह ले ली है पर इसमें भी अब गाडी खरीदते हुए बहुत   कुछ सोचना पड़ता है क्यूंकि जब गाडी लेने जाते है तो कंपनी वाले आपको लेटेस्ट मॉडल की जगह उस से पहले वाले मॉडल पर डिस्काउंट देती है या आपकी पसंद का कलर महंगा होता है या   गाडी होती ही नहीं है फिर हमे मन मार के कोई भी कलर लेना पड़ता है   तो क्या हम कलर बहार से भी बदलवा सकते है असल में हम गाडी पर कुछ स्टीकर लगा कर गाडी का लुक चेंज कर सकते है पर उसका बेस कलर चेंज नहीं कर सकते है अगर हम बेस कलर को चेंज करेंगे तो हमे rto से नए कलर की आर सी में अपडेट करानी होगा एसा इसलिए क्यूंकि सड़क पर हिट एंड रन के बहुत केस होते है अगर कोई दुर्घटना होती है तो विक्टिम को आपकी गाडी का नम्बर नहीं बस मॉडल और कलर ही याद रहता है इस तरह से कोई हादसा न हो इसलिए rto ने कलर चेंज करने पर प्रतिबन्ध लगाया है | 

AAKHIR QWERTY KEYBOARD HI KYU HOTA HAI

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